परिचय शिक्षा सेवा दर्शन

शिक्षा सेवा दर्शन एक पंजीकृत चैरिटेबल ट्रस्ट है, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और योग के माध्यम से समाज सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। हमारी स्थापना का मुख्य उद्देश्य समाज के उन वर्गों तक मदद पहुँचाना है जो आर्थिक, सामाजिक या भौगोलिक कारणों से शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। हम मानते हैं कि शिक्षा, स्वास्थ्य और मानसिक शांति एक सशक्त और समृद्ध समाज की नींव हैं।

हमारा विज़न (Vision)

एक ऐसा समाज जहाँ हर व्यक्ति को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएँ और मानसिक व शारीरिक संतुलन के लिए योग का लाभ प्राप्त हो, ताकि वह आत्मनिर्भर और सशक्त बन सके।

हमारा मिशन (Mission)

गरीब और जरूरतमंदों को निःशुल्क एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना।
समाज के हर वर्ग तक बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुँचाना।
योग और ध्यान के माध्यम से मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना।
सामाजिक जागरूकता अभियान चलाकर एक जिम्मेदार और संवेदनशील समाज का निर्माण करना।

हमारे कार्यक्षेत्र

शिक्षा – उज्जवल भविष्य की कुंजी

आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा

छात्रवृत्ति एवं करियर मार्गदर्शन योजनाएँ

वयस्क शिक्षा और डिजिटल साक्षरता अभियान

शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम

पुस्तक वितरण एवं मोबाइल लाइब्रेरी सेवा

स्वास्थ्य – स्वस्थ शरीर, स्वस्थ समाज

निःशुल्क स्वास्थ्य जांच और चिकित्सा शिविर

महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष स्वास्थ्य कार्यक्रम

दवा एवं चिकित्सा उपकरण की निःशुल्क उपलब्धता

रक्तदान और अंगदान जागरूकता अभियान

स्वास्थ्य जागरूकता कार्यशालाएँ

योग – तन-मन का संतुलन

योग एवं ध्यान शिविरों का आयोजन

स्कूल, कॉलेज और कार्यालयों में योग प्रशिक्षण

वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं के लिए विशेष योग कार्यक्रम

मानसिक तनाव और जीवनशैली रोगों पर योग आधारित परामर्श

हमारी कार्यशैली

शिक्षा सेवा दर्शन ट्रस्ट पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी से कार्य करता है। हमारे सभी प्रोजेक्ट दानदाताओं और समाज के सहयोग से संचालित होते हैं। प्रत्येक कार्यक्रम की प्रगति और वित्तीय रिपोर्ट समय-समय पर सार्वजनिक की जाती है।

आप कैसे जुड़ सकते हैं?

  • स्वयंसेवक बनें: हमारी गतिविधियों में सीधे भाग लेकर समाज सेवा करें।

  • दान करें: शिक्षा, स्वास्थ्य और योग कार्यक्रमों को सफल बनाने में सहयोग करें।

  • साझेदार बनें: कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के तहत साझेदारी करें।

  • जागरूकता फैलाएँ: हमारे अभियानों को सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से अधिक लोगों तक पहुँचाएँ।